सौतेली माँ कागनी लिन कार्टर अपने सौतेले बेटे को बहकाती है, उसकी मोटी संपत्ति दिखाती है । वह उसके कर्व्स से मंत्रमुग्ध हो जाता है, जिससे एक भावुक मुठभेड़ हो जाती है, जिसकी परिणति उसे परमानंद की सवारी करने में होती है ।