मैं एक आत्म-आनंददायक देवी हूं, मेरी उंगलियां परमानंद की सिम्फनी में मेरी गीली सिलवटों पर नाच रही हैं । मैं एक एकल कलाकार हूं, प्रत्येक जोर के साथ खुशी के उच्च नोटों को मारते हुए, अपनी इच्छा की लय में खो गया ।