सौतेले भाई को अपनी सौतेली बहन च्लोए मंदिर की सुस्वाद बिल्ली में लिप्त होने पर निषिद्ध आनंद मिलता है । उनका वर्जित संबंध मौखिक प्रसन्नता के भाप से भरे सत्र में प्रज्वलित होता है, जिससे वे दोनों संतुष्ट हो जाते हैं ।