एक तेजस्वी किशोर, स्वेक्ला, अपना कौमार्य खोने के मिशन पर है । देखो क्योंकि वह तीव्र आत्म-आनंद में लिप्त है, अपनी तंग, कुंवारी बिल्ली को परमानंद के कगार पर धकेल रही है । उसकी पहली हस्तमैथुन यात्रा और शीलभंग के रोमांचकारी क्षण का गवाह बनें ।